तुम आते हो यादों में इतना
और फिर जाते भी नहीं
क्यों करते हो परेशान इतना
और यह बताते भी नहीं
अरमान ले लिए जिंदगी से सारे
और उन्हें संभाल पाते भी नहीं
बता दो क्या नियत है तुम्हारी
कि तुम बिन हम जी पाते नहीं
मुश्किल हमारा तुम्हें भूल जाना
क्यों तुम हमें भूल जाते नहीं
निकालो बाहर अपनी यादों से
चैन हम वहाँ पाते नहीं
भूला दो ना हमें तुम
के हम खुद में आ पाते नही