बड़ी मुद्दत से मिलती है
फुर्सत तुम्हें किसी से मिलने की
इसे यूँ ना गवाना
किसी से मिलो ना मिलो
मेरे हमनवाँ
खुद से जरूर तुम मिलना
जानती हूँ नहीं आता तुम्हे
रहना मेरे बिना
मिलोगे खुद से जब तुम
तब तुम मुझसे भी मिलना
कभी खामोशी उनकी मौन कर गई
कभी शब्द उनके निशब्द कर गए
एक उनका ही होने की जिद थी
इसलिए कई बार हम गम पी गए
सिल लिया लबों को अपने
हमेशा के लिए खामोश हो गए
अब खामोश रहो तुम या शब्द कहो
हमेशा के लिए हम पत्थर हो गए
जो हो गया ना याद कर उसे
जो बीत गया बिसार दे उसे
आगे जिंदगी बुला रही तुझे
देख तू ना निराश कर उसे
बीती बातों का न जिक्र होने दे
आगे जो आ रहा बस देख उसे
क्या कह रही जिंदगी देख तुझे
एक और मौका दे बस उसे
टूटने का मतलब खत्म नहीं होता
जुङने की नई शुरुआत दे उसे
मैंने ही मांगी थी दुआ ये रब से
तरक्की बेशुमार हो जाए तुम्हारी
चढ़ो सीढ़ियां कामयाबी की इतनी
शख्सियत बुलंद हो जाए तुम्हारी
नहीं जानती थी बात तब इतनी
जाओगे तुम तो बुलंदी को छू
रह जाऊंगी पीछे तुमसे मैं छूट
खुशी मेरी होगी तुम्हारी खुशी से
मांगूंगी दुआ यही मैं फिर से
चाहे ना रहूँ मैं जीवन में तुम्हारे
कामयाबी कदम चूमे हमेशा तुम्हारे
बीते जो पल साथ तेरे
आज वही ख़ास मुझे
कुछ न था पास मेरे
खाली दामन में मेरे
छोटी सी सौगात तेरी
मालामाल कर गई
जाती हुई जिंदगी मेरी
कुछ पल ठहर गई
छोटी सी मुलाकात तेरी
बेशकीमती हो गई
मेरे जीवन की
खाली तिजोरी के हीरे
जन्मों जन्म तेरी
मैं एहसानमंद हो गई
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