बुधवार, 30 दिसंबर 2020

यादें

 तुम आते हो यादों में इतना 

और फिर जाते भी नहीं 

क्यों करते हो परेशान इतना 

और यह बताते भी नहीं

अरमान ले लिए जिंदगी से सारे 

और उन्हें संभाल पाते भी नहीं

बता दो क्या नियत है तुम्हारी 

कि तुम बिन हम जी पाते नहीं 

मुश्किल हमारा तुम्हें भूल जाना 

क्यों तुम हमें भूल जाते नहीं

निकालो बाहर अपनी यादों से 

चैन हम वहाँ पाते नहीं 

भूला दो ना हमें तुम 

के हम खुद में आ पाते नही



दिल परेशान  है शाम से 
क्या याद कर रहे हो मुझे तुम




2 टिप्‍पणियां:

दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में