बुधवार, 26 मई 2021

बुद्ध पूर्णिमा

जा भीतर 

डूब अंतर 

दे पछाड़ 

सारे प्रश्न 

कर समाधान 

शंकाओं का 

निकाल ज्ञान 

तत्व का 

अल्पता है बुरी 

अति उससे बुरी 

बन तू मध्यम मार्गी 

पी गरल 

हो सरल 

बन जा तू 

अविनाशी

हो जा 

तू भी एक बोद्धी




मंगलवार, 25 मई 2021

हिरण्यकश्यप

पाप बढ़ा हिरण्यकश्यप का 
लिया नरसिंह अवतार
मोक्ष देकर होलिका को
किया प्रह्लाद अवतार
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
#नरसिंह_अवतार




रविवार, 9 मई 2021

मातृदिवस

माँ प्रतिमा परित्याग की 

मूरत ममत्त्व की 

माला मूल्यों की 

नीति नैतिकता की

करुणालय भावों का 

हिमालय शीत का 

सागर समर्पण का

गगन गहनता का

सहनशीलता का दुर्गम पथ 

कर्म शीलता का अजय रथ

चरण वंदनीय 

कर्म अनुकरणीय 

संबल स्नेह का 

कवच रक्षा का 

समाधान जटिलताओं का 

सखा दुर्गम राहों का 

प्राण भीतर के

क्षण श्वांस के 

आंचल सुख का 

तारा नयन का 

मोती आस का 

धागा आशीष का 

प्रतिउत्तर हार का 

उत्सव जीत का



शुक्रवार, 7 मई 2021

रवीन्द्रनाथ टैगोर

वनवाणी बनी प्रवाहिनी 

कर स्मरण बनफूल शिशु ने 

गीताली का 

लिया ज्ञान लिपिका का 

किया लेखन 

पथिक चलता रहा 

ले भग्न हृदय गाता रहा 

प्रभात संध्या संगीत 

नदी बहती रही 

कणिका क्षणिका कल्पना की 

ङलते रहे नैवेद्य 

निखरती रही कथा कवि कहानी 

विचित्रता से पत्रपुट हुए सभी 

परिशेष रहा ना 

शेषलेखा किसी का


घाट की कथा सुनाई 

पोस्ट मास्टर ने 

श्यामली को 

था भिखारिणी का 

कंकाल टिका था 

दान प्रतिदान 

संपत्ति समर्पण 

के गिन्नी त्याग पर 

एक रात छूटा स्वर्णमृग 

बनी विचारक 

जीवित और मृत की 

कर प्रायश्चित 

हुई महामाया से ऊपर 

छोड़ जय पराजय 

किया उद्धार स्वयं का 

ले शुभ दृष्टि कर्मफल की 

बनी संन्यासिनी वैष्णवी 

कर दर्पहरण 

लिया गुप्त धन ज्ञान का 

पूर्ण हुआ यज्ञ यज्ञेश्वर का


दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में