जा भीतर
डूब अंतर
दे पछाड़
सारे प्रश्न
कर समाधान
शंकाओं का
निकाल ज्ञान
तत्व का
अल्पता है बुरी
अति उससे बुरी
बन तू मध्यम मार्गी
पी गरल
हो सरल
बन जा तू
अविनाशी
हो जा
तू भी एक बोद्धी
in this blog we will give you five types of things (panchali) which are 1 poems on current affairs and other topics 2 poems on narendra modi 3 sher N shayari,ghazals 4 selfmade bhajans of lord krishna 5 lyrics of rajasthani songs with video so please enjoy and come again and again on our blog. thankyou Veena mawar
जा भीतर
डूब अंतर
दे पछाड़
सारे प्रश्न
कर समाधान
शंकाओं का
निकाल ज्ञान
तत्व का
अल्पता है बुरी
अति उससे बुरी
बन तू मध्यम मार्गी
पी गरल
हो सरल
बन जा तू
अविनाशी
हो जा
तू भी एक बोद्धी
माँ प्रतिमा परित्याग की
मूरत ममत्त्व की
माला मूल्यों की
नीति नैतिकता की
करुणालय भावों का
हिमालय शीत का
सागर समर्पण का
गगन गहनता का
सहनशीलता का दुर्गम पथ
कर्म शीलता का अजय रथ
चरण वंदनीय
कर्म अनुकरणीय
संबल स्नेह का
कवच रक्षा का
समाधान जटिलताओं का
सखा दुर्गम राहों का
प्राण भीतर के
क्षण श्वांस के
आंचल सुख का
तारा नयन का
मोती आस का
धागा आशीष का
प्रतिउत्तर हार का
उत्सव जीत का
वनवाणी बनी प्रवाहिनी
कर स्मरण बनफूल शिशु ने
गीताली का
लिया ज्ञान लिपिका का
किया लेखन
पथिक चलता रहा
ले भग्न हृदय गाता रहा
प्रभात संध्या संगीत
नदी बहती रही
कणिका क्षणिका कल्पना की
ङलते रहे नैवेद्य
निखरती रही कथा कवि कहानी
विचित्रता से पत्रपुट हुए सभी
परिशेष रहा ना
शेषलेखा किसी का
घाट की कथा सुनाई
पोस्ट मास्टर ने
श्यामली को
था भिखारिणी का
कंकाल टिका था
दान प्रतिदान
संपत्ति समर्पण
के गिन्नी त्याग पर
एक रात छूटा स्वर्णमृग
बनी विचारक
जीवित और मृत की
कर प्रायश्चित
हुई महामाया से ऊपर
छोड़ जय पराजय
किया उद्धार स्वयं का
ले शुभ दृष्टि कर्मफल की
बनी संन्यासिनी वैष्णवी
कर दर्पहरण
लिया गुप्त धन ज्ञान का
पूर्ण हुआ यज्ञ यज्ञेश्वर का
यादों का भी होता है पुनर्जन्म, तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन: हृदय के गर्भ में