शनिवार, 26 दिसंबर 2020

शायरी पृष्ठ


 मैं तुम हो तुम मैं हूँ   🌹🌹

फिर ये मैं तुम क्यूँ है 🌹🌹




तुम हो मुझे अति प्रिय 

नैनो का हो अंजन प्रिय




नैननीर प्याला लबालब है 

जरा सा हिला दो छलक जाएगा



बढा जालिम बेवफाईयों का दायरा थोङे और
दो चार अश्क हमारी कलम से भी झलक जाए






दिल परेशान है शाम से क्या याद कर रहे हो मुझे तुम

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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में