Veena Mawar Author
तेरे आने की उम्मीद में
जलाई जो तुमने दिल में
लौ कभी नहीं बुझने दी
कहीं आओ तुम लौटकर
अंधेरा मिले इस दिल में
छोटी सी लौ मेरे दिल की
देखें कब तक जलती
तूफां से देखे कब तक
अखण्ङ यूँ ही लड़ती
हुआ है खत्म सब्र तेल
बस आस पर है जलती
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