Veena Mawar Author
चढ़ती गई शिखर दर शिखर
तन्हाइयों के कारवाँ,ओर
रखती गई हर पायदान पर
तेरे संग का एक फूल
फिर भी नहीं उठ पाए कदम
कई मर्तबा जब जकड़न हुई
तेरे संग की मजबूत तो तोड़
बेड़ियाँ ख्यालों की तेरे
बढ़ती गई इस कठोर जीवन में
अकेले, अकेले, बस अकेले.....
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