रविवार, 21 फ़रवरी 2021

द्रोपदी


 🦚 क्यूँ हम राह तकते है

🦚 बोले कोई भीष्म,द्रोण हमारे लिए

🦚 क्यूँ हम मुहँ देखते हैं

🦚 करे न्याय धृतराष्ट्र हमारे लिए

🦚क्यूँ हम निहारतें हैं

🦚 पूरी राज सभा हो खङी हमारे लिए

🦚 क्यूँ नहीं बनते निडर हम स्वयं के लिए 

🦚 क्यूँ नहीं बनते विदुर हम स्वयं के लिए

🦚 जब हो रहा अन्याय स्वयं पर 

🦚 तो क्यूँ नहीं बनते द्रोपदी स्वयं के लिए

@veena_mawar #kooapp

साम्राज्ञी

मैं साम्राज्ञी तेरे मन की 

फिर क्यूँ नहीं तू मेरे अधिकार क्षेत्र में 

क्यूँ होती वसूली तेरी जमीं की 

किसी और के हक में

क्यों जाता लगान तेरा किसी और के हिस्से में 

नहीं ये कि कर नहीं सकती 

परास्त मैं आक्रांताओं को

चाहूँ तो ले सकती पल में अपने हक को

कर सकती मुक्त पल में तेरी जमी को 

पर लौटेगा तब तू अधूरा,चाहती हूँ तुझे मैं पूरा 

लड़ना होगा खुद ही पड़ेगा बंधन तोड़ना खुद ही


होकर मुक्त आना होगा खुद ही


बिका दूल्हा

नहीं किया जो काम अब तक

किसी ने वो करने आई हूँ 

खरीद लो दूल्हा बेचेने आई हूँ 

नहीं बेचूंगी सस्ता वसूलूंगी दाम पूरा 

क्यूँ कि दिया है दाम मेने भी पूरा 

चुकाया इसकी पूरी जिंदगी का खर्च सारा 

नहीं रखूंगी बेचकर कर मैं रहूंगी 

कर्ज पिता के आसुओं का उतारूंगी 

कर अतिरिक्त वसूली बोझ दिल का उतारूंगी 

उतारूंगी चूङी बिंदी सिन्दूर 

फिर से जिंदगी सवारूंगी 

रखकर नहीं खाऊँगी मैं घाटा अब

बेचकर कमाऊँगी मै मुनाफा अब



मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

बसंत

 🏵🌼 मैं बसंत ही किस बात का    🌼🏵

🏵🌼 नहीं भरी जो विरह वेदना     🌼🏵

🏵🌼 नहीं जगाई हृदय पीङ         🌼🏵

🏵🌼 होगा व्यर्थ मेरा आना          🌼🏵

🏵🌼 नहीं उठाई हुक विरहनी की  🌼🏵

🏵🌼 तो क्या हरी होगी अमराईया 🌼🏵

🏵🌼 खिलेगी कैसे केसरी कुमकुम🌼🏵

🏵🌼 बसंती होंगी क्या वादियाँ     🌼🏵

🏵🌼 नहीं उफना जो क्षार नीर      🌼🏵

🏵🌼 मिलेगी क्या समद से नदियाँ🌼🏵

#बसंत_पंचमी

@veena_mawar

🙏 ब्रह्मसुता 
🙏 पद्मासना 
🙏 श्वेतांबरा,हंसासना 
🙏 महाश्वेता
🤲 वर दे बनूं निर्मल पवित्र 
🙏 वाग्देवी 
🙏 ज्ञानदेवी  
🙏 सुरदेवी 
🙌 करूँ अर्चना इस रूप में
🙏 वागेश्वरी 
🙏 ज्ञानदात्री 
🙏 सूरदात्री
🤲 भर प्रज्ञा ज्ञान भंडार से
🙏 स्वरदायिनी 
🙏 विद्यादायिनी 
🙏 वीणावादिनी 
🙌 रहे झंकृत वीणा उल्लास से🪕
#सरस्वती_पूजा #sarswatipuja #बसंत_पंचमी #basantpanchmi
😏बैरी बसंत
🙄फिर आया  
😔तू ले संताप 
😒विरह वेदना सुलगाने
😠जलाने तू अपनी 
💃मन मोहिनी छब से 
😔नहीं पास हृदय स्वामी 
🤔क्या नहीं पता तुझे 
😔फिर क्यूँ लाया 
🤗बसंती तेज 
🤗मनोरम मधुर 
🤗शीतल सरस
😏समीर संग में 
#बसंत_पंचमी #basantpanchmi
@veena_mawar

सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

बसंत

मृदुल बसंत 

बसंती पुष्प 

बसंत मन खिला खिला 

ए री सखी 

ज्ञान प्रकाश 

सुर सरगम 

वीणा तार झंकृत हुआ हुआ 

वरद हस्त 

शारदे का 

सुर देवी का 

वीणा पाणि  का हुआ हुआ


हंस वाहिनी 

वीणा वादिनी 

धवलीत वंदन नमो: नमो: 

यौवन मन 

वसंत जीवन 

सजा सुर संगीत नमो: नमो: 

सुनहरी किरणे 

पड़ी भू पर 

सजी वसुंधरा 

खिली बसंती नमो: नमो:


आजा श्याम 

खेले बसंत 

होऐं बसंती 

आया बसंत 

ओढूं पितांबर 

रंगू पीत रंग 

रंग दे पीतांबर 

फाग बसंती 

राग बसंती 

साथ बसंती 

दे दे पितांबर


मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

तुमसे बाहर निकल नहीं पाई

गम की धूप लग नहीं पाई

कैसे जानूं दुनिया के बंधन

मेरी दुनिया तुझमें समाई 

मैं बंदिनी तेरे प्यार की 

बस तेरे इर्द गिर्द मंङराई

तेरे साथ ही रही हमेशा

तुझ बिन कुछ ना सोचा

मुश्किल है तुझसे छुटकारा 

तेरी गिरफ्त में जीवन सारा 



बड़े इत्मीनान से चल रहे थे
जिंदगी के रास्तों पर
तुमसे क्या टकराए रास्ते ही बदल गए
मुसाफिर थे अकेले ही 
अपने सफर के 
तुमसे मिले तो सफर ही बदल गए 
निकले थे अकेले ही
मंजिल पे अपनी
तुमसे क्या मिले मंजिलें बदल गई








शनिवार, 6 फ़रवरी 2021

जयचंद

⚔ बने कुछ लोग जयचंद फिर से 

🗡 जागो पृथ्वीराज तुम 

🏹 दे बलिदान छोड़ गए पहले 

⚔ बेसहारा माँ को तुम 

🗡 करो इस बार नष्ट ना करो 

🏹 गलती दोबारा तुम 

⚔ उठ गए जो दोबारा कुचल 

🗡 डालो फनों को तुम 

🏹 बाकी रह गया था जो हिसाब 

⚔ कर दो अब पूरा तुम

🗡 मिला मौका फिर से चुका दो 

🏹 माँ का कर्ज तुम


🐅 उठ सिंह करवट ले 

🐅 अब दिन है चेतना के 

🐅 आ गए फिर विदेशी 

🐅 गद्दारों की आड़ ले 

🐅 हो दफन सनातनी संस्कृति 

🐅 पनपे उस पर विदेशी जड़े 

🐅 कर श्रृंगार युद्ध भूमि का 

📯 रणभेरी का उद्घोष ले


🙏 कंस बने कई मारो मोहन  

🙏 विष नागों का हर लो मोहन

🙏 एक पूतना आई है फिर से

🙏 लाई वो भी जहर साथ में

🙏 करो उद्धार उसका भी मोहन

🙏 उठे शिशुपाल दंभ जो सारे

🙏 बने दुर्योधन मिलकर सारे 

🙏 तुम मोहन सुदर्शन चलाओ 

🙏 और अर्जुन को सामने लाओ



🤷‍♂️ क्यों हो रहा है चक्का जाम 🤷‍♀️
🤷‍♀️ इनकी हिम्मत क्यों बढ़ आई🤷‍♂️ 
🙈 क्या भारत सो रहा है 🙈
🙈 दिल्ली अभी भी है सुस्ताई 🙈
🤦‍♂️ कब लगेगी कोई धारा इनपे 🤦‍♀️
🤦‍♀️ कब होगी सर्जिकल स्ट्राइक 🤦‍♂️ 
🤷‍♂️ करो इनका अब लॉक डाउन 🤷‍♀️
🤷‍♀️ नोट बंदी की बारी आई 🤷‍♂️
🙏 धन् धन् हैं मोदी हमारे 🙏
🙏 अब उनसे ही आस लगाई🙏

#चक्का_जाम_नहीं_होगा
#मोदी_हमारा_गर्व_है
#अराजकता_बंद_करो 
#आन्दोलन_खत्म_करो





सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

कृष्ण दिवानी

भक्तिमती मीराँ  

नहीं लेखनी में ताब इतना 

लिखे गुणगान मेड़तनी का 

राव दूदा का गढ़ छोड़ा 

छोड़ी मेवाड़ी शान 

भगवा वेश किया धारण 

छोड़ी रजवाड़ी आन 

धरे पैर जमीन पर 

उससे ही पहले दूदा 

रखता अपनी हथेली 

धरे पैर कांटो के वन पर  

लहूलुहान पैर तली  

धूप जली बरखा भीगी  

ओढ़ी झीनी लोई 

भर सर्दी में थी जो 

मखमल में सोई 

लगन लगी कृष्ण की 

कृष्ण में ही खोई

जहर प्याला बना अमिय

सर्प बना गलहार

करी चाकरी कृष्ण की

कृष्ण ने की सहाय

बचाया जग तानो से 

लिया खुद में समाय



पथ राखी मीराँ की

गोपाल करो 

मेरी भी सहाय

भटकी मैं भी पथ 

दीनदयाल 

खङी बीच मझधार 



मैं और तुम


मैं थी तुम थे 

था प्रेम संग में 

तुम हो मैं हूँ 

बस प्रश्न संग में 

परवाह थी राह देखते थे

बस एक दूजे की 

नफरत है अब

दंभ डोर एक दूजे की 

मनुहार थी मिटना था 

बस एक दूसरे पर 

दर्द है दूर्भाव है अब

आक्रोश है एक दूजे पर 

तुम थे मैं थी 

मुस्कुराहटे थी संग में 

मैं हूँ तुम हो 

अब अश्रु सागर संग में


दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में