बुधवार, 18 नवंबर 2020

सोनार गढ जैसलमेर

 स्वर्णिम आभा सोनारगढ़ की 🏵

सुनहरी मिट्टी है धोरों की 🌼

राव जैसल ने इसे बसाया 🌻 

त्रिकूट पहाड़ी की शान कहलाया 🌕

स्वर्ण किला गौरव स्वर्ण नगरी का☀️ 

प्रमाण है यह ढाई साके का ⭐

कितने वीरांगनाएँ जौहर हुई 🌟

मूमल की भी आत्मा सोई🏵

आन बान में नहीं कमी है 🌼

भाटियों की जान रही है 🌻

आभा सुनहरी वो है छाई 🌅

सत्यजीत को भी खींच लाई🎗

💛💛💛💛💛💛💛💛💛💛


मंगलवार, 17 नवंबर 2020

शायरी पृष्ठ


 जिंदगी बड़ा सस्ता सौदा तूने  किया 💞💞

 सांसो के खर्च पर जीने का मजा दिया 💞💞


तूने हाथ थाम लिया 💞💞

अब काहे की उलझन💞💞

जो अश्क मेरा आँख से
गिरने ना दिया तूने
बस वो ही मोती बना💧
जो बह गया आँख से
वो तो पानी हुआ




 


मीराँ पदावली

 भक्तिमती मीराँ  🦋🦋🦋

नहीं लेखनी में ताब इतना 

लिखे गुणगान मेड़तनी का 

राव दूदा का गढ़ छोड़ा 🦋 

छोड़ी मेवाड़ी शान 🐟🐟🐟 

भगवा वेश किया धारण 

छोड़ी रजवाड़ी आन 🐬🐬 

धरे पैर जमीन पर 🐋🐋🐋 

उससे पहले दूदा 🐠🐠🐠 

रखता अपनी हथेली 🦋🦋 

धरे पैर कांटो के वन पर  

लहूलुहान पैर तली  🦋🦋

धूप जली बरखा भीगी  🦚

ओढ़ी झीनी लोई 🦜🦜🦜 

भरी सर्दी में थी जो 🦚🦚

मखमल में सोई 🐬🐬🐟


रविवार, 15 नवंबर 2020

गौवर्धन

 


⛰हे गिरधारी हे गिरिधर 🥀

🗻गोवर्धन फिर एक बार धरो 🥀

🌦फिर प्रकोप से भीग रही धरा 🌹

🗻छत्रछाँव करो,हे गोवर्धनधारी🌹

⛰फिर एक बार सहाय करो🥀


🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲


शनिवार, 14 नवंबर 2020

दीपावली प्रार्थना

 ✨ दीपों से अभिनंदन 

🎊 करती हूँ रघुनंदन 

🎇 स्वीकार करो 

🎊 हे पुरुषोत्तम 

🎆 नहीं मुझ में 

🎊 मर्यादा की पराकाष्ठा 

✨ नहीं मुझ में धैर्य की 

🎊 उच्चकाष्ठा  

🎇 लाई हूँ निर्मल निष्ठा 

🎊 मिलाई है उसमे श्रद्धा

🎆 भक्ति भाव से ओतप्रोत 


🎊 अर्पित है मेरी प्रार्थना🧎‍♀️🧎‍♀️


गुरुवार, 12 नवंबर 2020

धनवन्तरी कविता

 🌹धनतेरस जन्म दिवस 🌹

🥀धनवंतरी का 🙏

🌹आयुष देवता लेकर आए 🌲

🥀कलश निरोग का 👏

🌹बदल दिए मायने हमने 🌲

🥀बना दिया धन का देवता 

🌹लाए कलश चांदी सोने का 🌲

🥀करबद्ध प्रार्थना 🙏

🌹हे धनवंतरी 🤲

🥀सही अर्थों मैं इसी वर्ष 👐

🌹आवश्यकता तेरी 🙌

🥀दूर करो कोरोना बीमारी🤲



🌹💐🌹🏵🌹🌻🌹🌾🌹

Shaayri page

 


बर्बाद हुआ हूँ अगर इस कदर मैं 

ना सोचना हो जाएगा बेदाग तू बरी 

हमराह तो तू ही था इश्क ग़दर मैं                                              

कुछ छींटे तो लगेंगे दामन पर तेरे भी

💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔



सिसकियां रातों को कोई सुनता नहीं 

                  तेरी याद को आंसुओं में बहा दिया करता हूँ
                  तुझे भुला के एक नया दिन और जी लिया करता हूँ
                  सिलसिला यही मैं हर रोज दोहरा लिया करता हूँ
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔

मेरी हर तन्हा रात मांगती है हिसाब तुझसे 

दिन जो तेरे गुलजार हुए थे मेरी हंसी से
के अब कितनी हंसी उधार है मेरी तुझ पर
लेगा कितनी और रातें तू हिसाब मुझसे
कर दे अब तू हिसाब सारा बराबर
दे दे मुझे मेरी गुलज़ारी हँसी
ले ले रातों की तन्हाई तू मुझसे
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔

गिली रेत पे पैरों के निशान सा तू 

आया भी और चला भी  गया तू

💖💔💔💔💔💔💔💔💔💖

                                                   


उधार


 💞मेरी हर रात रही उधार तुझ पर 

💞भर लूंगी इन्हें जब तेरे उजाले से 

💞मिटा लूंगी तेरी चहक से खामोशियां इनकी 

💞तब कहीं होगी ब्याज की अदायगी इनकी 

💞चलेगा अभी तो कर्ज़ मेरा लंबा तुझ पर 

💞शेष रहेगा उधार मेरा फिर भी तुझ पर 

💞देना होगा साथ तुझे अभी दूर तक 

💞देना होगा साथ मेरा जन्मों जन्म तक 

💞चलेगा मेरी हर रात का उधार तब तक

💚💛🧡❤💙💜🤎


सोमवार, 9 नवंबर 2020

कर्ण


 पात्र नहीं जग में कर्ण सा श्रेष्ठ 👏

श्रेष्ठ दानी,श्रेष्ठ धनुर्धार🌹

श्रेष्ठ पिता श्रेष्ठ थी माता 

गुरु श्रेष्ठ,श्रेष्ठ मित्रता 🌹

सब मिला कर्ण को श्रेष्ठ  

बस भाग्य रहा निम्नेस्ट 🌹

कृष्ण ने बताया पँच पाण्डव से श्रेष्ठ 

पद में श्रेष्ठ तुमगुणों में श्रेष्ठ🌹

महाभारत पूर्व मिला असंतोष श्रेष्ठ 

जीवन भर रही वेदना श्रेष्ठ 🌹

द्रौपदी का मलाल श्रेष्ठ 

मिला साकेत गमन भी श्रेष्ठ🌹

श्रेष्ठ को मिली नर श्रेष्ठ की हथेली 

तब हुआ श्रेष्ठ का देहदान 🌹

मिला कृष्ण के हाथ मोक्ष धाम🤚

Ruhaani Shaayri page

💚💚❤❤💙💙💜💜🧡🧡🤎🤎

❣तेरे खयालों के मकान से❣❣❣❣❣

❣बाहर कभी निकले ही नहीं  ❣❣❣❣

❣हो जाते सयाने मगर ❣❣❣❣❣❣

❣ठोकरें जमाने की खाई ही नहीं ❣❣❣  

💛💛💛🤎🧡💜💙❤💚💛💛💛

रविवार, 8 नवंबर 2020

जयपुर नगरी

 


राजस्थान की आन
राजपूतों की शान
मेहमानों के आगमन में
रंगी रामसिंह ने गुलाबी रंग में
रंग रंगीली छैल छबीली
कठपुतली के डोरी
देखनी हो सौर घड़ी
जाओ जयसिंह के जंतर मंतर
बिरला जी का मंदिर
है धवल संगमरमर
953 हवा के झरोखे
हवा महल के अंदर
बनाई केसर की क्यारी भी
प्रतापसिंह ने इसके अन्दर
जयगढ़,आमेर
नाहरगढ़,जल महल
सामोद किला
कमी नहीं दुर्गों की
जयपुर के अंदर
तारा मंडल सजा यहाँ
अल्बर्ट हॉल,सिटी पैलेस
की चर्चा है यहाँ

नामावली

 

चारभुजा नाथ की
जय सांवरिया सरकार की
राधा के गोपाल की
जय कन्हैया लाल की
जय रणछोड़ दास की
जय बोलो नंद लाल की
बीड़ी नागर पान की
जय हो नटवर नाम की
रुकमणी के प्राण की
जय भामा के भरतार की
नरसिंह के संहार की
जय विष्णु के अवतार की
हारे के सहारे की
जय हो खाटू प्यारे की
गोविंद के धाम की
जय गिरधर के नाम की
पूरी के जगन्नाथ की
जय हो बद्री विशाल की
वेंकेटेश्वर के नाथ की
जय द्वारका नाथ की
पांङुरंगा के धाम की
जय वेंकटेश्वर नाम की
तिरुपति धाम की
जय श्री के नाथ की
पाँचाली के परमेश्वर की
जय जगत के ईश्वर की
द्वारिका धीश की
जय बोलो जगदीश की
वीणा के तार की
जय मीरा के श्याम की

शनिवार, 7 नवंबर 2020

दिवाली

 

🌿दिवाली आई 🌺

🌿जगमग दीपों की पंक्ति लाई 🌺

🌿प्रज्वलित करूँ एक दीप 🌺

🌿भारत के वीर सपूतों का 🌺

🌿करूँ प्रज्वलन एक दीप 🌺

🌿भारत के अन्नदाता ओं का 🌺

🌿भारत के वैज्ञानिकों को 🌺

🌿नमन करूं एक दीप का🌺 

🌿एक दीप प्रज्वलित करूं 🌺

🌿मर्यादा के पुरुषोत्तम का 🌺

🌿करूं सदा अनुसरण में 🌺

🌿उनके उच्च आदर्शों का🌺

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

उलझन

 😇क्यूँ रहती है इतनी उलझन       😨

😇उलझन भी उलझ उलझ जाती   😨

😇उलझन को जब सुलझाना चाहो😨

😇सुलझन भी उलझ कर रह जाती😨

😇कैसे सुलझे उलझन ये बोलो     😨

😇राज इस उलझन के खोलो       😨

😇उलझन से सुलझन निकलती    😨

😇या सुलझन में उलझन है बोलो  😨


😱😱😱😱😱😱😱😱😱😱😱😱


गुरुवार, 5 नवंबर 2020

प्रार्थना

 🤲प्रार्थना वो चुम्बक है जो 🙏

🙌ईश्वर को भी आकर्षित करती है🙏

🤲भक्ति वो शक्ति है जो 🙏

👐ईश्वर को भी खोज सकती है🙏

🙌करें प्रार्थना भक्ति से तो🙏

👏मूरत भी बोल सकती है🙏


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मंगलवार, 3 नवंबर 2020

करवा चौथ कविता

 


💏हृदय सिहांसन पर विराजित  💞 🌹

💑तुमसे रहे माँग सुशोभित       💗🌹

💏थी मैं अबोध  मन कलुषित   💓 🌹

💑दिया है बोध पावन धवलीत   💗🌹

💏जब जब घबराई मैं सकुचाई  💞🌹

💑शक्ति संचरित तुमसे है पाई   💗🌹

💏समय समय पर तुमने तारा   💓 🌹

💑थामा हस्त मुझको उभारा     💞 🌹

💏सदा रहे वरद् हस्त मुझ पर    💗🌹

💑छाया रहे मुझ नन्ही पौधे पर  💓 🌹


⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘


🦋🦋🦚🦋🦋🦚🦋🦋🦚🦋🦋🦚

सोमवार, 2 नवंबर 2020

घायल परिंदा

💗कत्ल हो जाता आज मेरा तो 

💚मैं तो बस बाल-बाल बचा 

💙घायल परिंदा आज तो 

💘उसके नजरे तीर से बचा 

🧡ताउम्र रहेगा एहसान उसका मुझ पर 

❤जो वो सामने मेरे आने से बचा 

💜इल्जाम लग जाता बेवजह उस पर 

💛वो तो इस कसूर-ए-खता से बचा💓💞


रविवार, 1 नवंबर 2020

बंटवारा


ए भारत के राजनेताओं
दिया था हक किसने ये तुमको
करो बंटवारा माँ वसुधा का
बना दो भारत पाकिस्तान को
नहीं बांटा हिंदू मुस्लिम को
बांटा तुमने माँ भारती को
काटा तुमने उस हिस्से को
जिस में बसी आत्मा इसकी
बिलखती आज देख मोहन जोदारो को
याद आती है तक्षशिला की
लव का बसा लाहौर भी छीना
छीनी विरासत हड़प्पा की
सिंध गया तो हिंद गया
क्यों ना तड़पे आत्मा इसकी
जिस नदी से पनपी सभ्यता हिंद की
वो नदी भी छीनी इसकी



दर्शन विज्ञान


 

जीवन क्या है कैसे हुई उत्पत्ति इसकी
दर्शन हो या विज्ञान एक बात है दोनों की
पांच तत्वों से बना है जीवन
दर्शन कहो या वैज्ञानिक
देखो इसको समझो इसको
बात है प्यारे नक्की

दर्शन      -    विज्ञान    
अरस्तू    -     मिलर           
वायु       -     N(नाइट्रोजन) - बना न्यूक्लिक एसिड D.N.A       
जल       -     H-2-0          - बना जीव द्रव्य
पृथ्वी      -     तत्व             - बना शारीरिक पदार्थ
आकाश  -     ऊर्जा            - पोषण -निरंतर चला जीवन
अग्नि     -     ऊर्जा            - सतत पोषण

धरा स्वदेशी


 पहले अपनाओ स्वदेश अपनाओ फिर स्वदेशी 

पहेले भगाओ दुर्गुण  स्वयं के फिर भगाओ विदेशी 

आए कहां से जाना कहां है सब हैं इस धरा पे विदेशी 

नहीं किया अंतर जब धरा ने तुममे आई भावना क्यूँ ऐसी 

अपनाया सबको धरा ने नहीं पूछा क्या जात है किसकी 

नहीं किया अंतर जब धरा ने मैं स्वदेशी तू परदेसी 

कैसे होगए अलग-अलग वसुधा है जब एक ही सबकी 

एक जननी के लाल अलग हो कर दी तुमने बात ही कैसी है

दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में