होली रे होली
रंगों की डोली
खुशियों की बारात
गठजोड़ की रात
सपनों की सौगात
संग होली रे होली
क्यों तूने गौरी
असुअन बीच
अखियाँ भिगोली
विदाई की बेला
विरह का मेला
नेहर छूटे साथी छूटे
बालपने की यादें छूटे
छूटी सारी
हंसी ठिठोली
खुशी अवसाद की
है बिचोली
होली रे होली
रंगों की डोली
साजन मिला
लाल रंग खिला
प्रीत मिली
बगिया खिली
एक रंग
फिर भी छूटा
खुशियों से मन
फिर भी रूठा
खुशी में भी
आँख भीगोली
क्यूँ होती है
होली ऐसी
ऐसी होली