चूड़ामणि,सिंहनी
रूप ज्योति अपरम्पार
केशकला,काली अलकाएँ
हिरणी नैनन कली कचनार
यौवन गागर छलके छल छल
रूप नीर भरमार
रूपमती पद्मावती
साहस की भंडार
केसरी, बनी केसरी
हुई सिंदूरी केसरिया
जौहर की वेदी चढ़
हाथ ना आई चपल हिरणिया
ओढ़ केसर चुनर,
बन गई वो तो केसर अगनिया
बनी शान, बचाई आन
मेवाड़ी मान हुआ निहाल
रूप की गागर केसर क्यारी
केसरी पाग पे हो गई वारि
सच्ची वीरांगना
सच्ची क्षत्राणी