बुधवार, 9 दिसंबर 2020

दर्दे दिल

बेजान लफ्ज़     💔

अरसे से झेल रहे 💔

गुनाह वक्त का    💔

दफन गहरे पड़े   💔

जबरन कत्ल  💔💔

हुआ इनका   💔💔

खिलखिला झरते थे 

झरोखों से    💔💔

हादसा झरोखों में 

हुआ इनका  💔💔

सूनी पड़ी  💔💔💔

लफ्ज़ हवेलियाँ सारी 

हवेलियाँ   💔💔💔

मजार हुई इनका

इन्तजार   💔💔💔

लफ्ज़ सदाओं को💔

पैदा जो नया वारिस 

हुआ इनका💕💕



💔सिसकियां रातों को 
💔कोई सुनता नहीं 
💔तेरी याद आंसुओं में
💔बहा दिया करता हूँ 
💔तुझे भुला एक नया दिन
💔और जी लिया करता हूँ
💔सिलसिला मैं यही हर रोज
💔दोहरा लिया करता हूँ



🌹फितरत बेईमानी की खूब है   🦚🦚
🌹ईमानदार बस खुद से ही होती है  🦚 
🌹तासीर इमानदारी की ना पूछो 🦚🦚
🌹बेईमान बस खुद से ही होती है🦚🦚



 

 



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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में