शनिवार, 14 नवंबर 2020

दीपावली प्रार्थना

 ✨ दीपों से अभिनंदन 

🎊 करती हूँ रघुनंदन 

🎇 स्वीकार करो 

🎊 हे पुरुषोत्तम 

🎆 नहीं मुझ में 

🎊 मर्यादा की पराकाष्ठा 

✨ नहीं मुझ में धैर्य की 

🎊 उच्चकाष्ठा  

🎇 लाई हूँ निर्मल निष्ठा 

🎊 मिलाई है उसमे श्रद्धा

🎆 भक्ति भाव से ओतप्रोत 


🎊 अर्पित है मेरी प्रार्थना🧎‍♀️🧎‍♀️


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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में