रविवार, 8 नवंबर 2020

जयपुर नगरी

 


राजस्थान की आन
राजपूतों की शान
मेहमानों के आगमन में
रंगी रामसिंह ने गुलाबी रंग में
रंग रंगीली छैल छबीली
कठपुतली के डोरी
देखनी हो सौर घड़ी
जाओ जयसिंह के जंतर मंतर
बिरला जी का मंदिर
है धवल संगमरमर
953 हवा के झरोखे
हवा महल के अंदर
बनाई केसर की क्यारी भी
प्रतापसिंह ने इसके अन्दर
जयगढ़,आमेर
नाहरगढ़,जल महल
सामोद किला
कमी नहीं दुर्गों की
जयपुर के अंदर
तारा मंडल सजा यहाँ
अल्बर्ट हॉल,सिटी पैलेस
की चर्चा है यहाँ

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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में