है स्वयंसिद्धा तू
पहचान को स्वयं को
ना रुकावट तू किसी की
ना रोक स्वयं को
है आशा तू सभी की
ना कर निराश स्वयं को
शक्ति है तू सभी की
कर सशक्त स्वयं को
है सफलता तू सभी की
कर सफल स्वयं को
हे नारी दिवस आज
मांगू कुछ खास
घिरूँ अंधियारों मैं जब
निकाल लेना तू
जब गिरने लगूं
संभाल लेना तू
होगी गलतियां हजार
सब देना तू सुधार
मैं कुमुदिनी सहमी सी
करना चन्द्र प्रकाश तू
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