खेलती हूँ होली रोज
तेरे अहसासों की
यादें बरसाती है
रंग तेरे संग का
तसव्वुर तेरे चेहरे का
करती है अखियाँ
उड़ता है गुलाल
हमारी खुशियों का
होता है गुलजार बाग
मेरी तन्हाईयों का
होलिका दहन
दहन बुराई का
विजयोत्सव
सत्य का
उत्सव रंगो का
मिलन स्नेह का
आपसी प्रीत का
खुशियों की जीत का
दुखों की हार का
सपनो के संसार का
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