शनिवार, 13 मार्च 2021

नारी विशेष

 🌹नारी कोमल

नहीं, है कठोर 

🌹अल्हड़ 

नहीं,है सख्त 

🌹सहृदय 

नहीं,है एकाकी 

🌹है त्यागी या भोगी 

अनुकंपा सहिष्णु उदार 

🌹या कोप निर्दयी निष्ठुर 

🌹अनुमोदन 

🌹या अस्वीकार

व्याकुल या धाई

🌹लीन या बैरागी 

कर्मशील या विलासी 

🌹किंकर्तव्यविमूढ़ 

या कर्तव्यपरायणी 

🌹गतिमान या विराम 

विचारी,अविचारी 

🌹देव संग रमणीय 

या ताड़न अधिकारी

🌹नारी तू अपरम्पारी  

जगत् आधारी

🌹तेरे बलिहारी 





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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में