शनिवार, 20 मार्च 2021

चिङिया रानी

 🐤मैं गोरैया 

🐥हूँ नन्हीं सी

🐤तुम्हारे घर की 

🐥हूँ रौनक सी 

🐤मैं कहीं भी 

🐥घर बनाती 

🐤सबके बीच 

🐥प्यार में पाती 

🐤खाती तुमसे 

🐥दाना पानी 

🐤मैं तुम्हारे 

🐥घर की रानी 

🐤तुम्हारे साथ ही 

🐥सो मैं जाती 

🐤चीं चीं कर 

🐥तुम्हें जगाती 

🐤उड़ उङ कर 

🐥तुम्हें सिखाती 

🐤कभी हार 

🐥नहीं मानती 

🐤बस मेहनत 

🐥करती जाती 

🐤कभी नहीं 

🐥मैं बैठ पाती

🐤निरन्तर काम 

🐤करती जाती


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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में