रविवार, 14 मार्च 2021

राजस्थानी दोहे

🌺🌹राजस्थानी नार आ, साहस ईको अदम🌹 

🌺🌹क्षत्राणी शीश दियो, पन्ना दियो चंदन 🌹



🙏राजस्थान री क्षत्राणी आ,  पूत जणय्या हजार 

🙏एक पूत सिंह सवालाख, पृथ्वी हो या प्रताप


👏चालअ तो धरती धूजअ, धूजे गरबिली नार 

👏अकबर रो गरब टूट्यो, टूट्यो ना सिंह मेवाङ


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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में