रविवार, 14 मार्च 2021

आध्यात्म ( spiritual)

 🌻डूब गहरे 

🌻मन सागर में 

🌻जा भीतर 

🌻और भीतर 

🌿लगा गोते 

🌿हो जा तर 

🌿शांत शीतलता 

🌿अपार कर 

🌺विचरण हो शांत 

🌺देख चक्षु 

🌺सहस्त्र हजार 

🌺कर रहे पुकार 

🌲आ बैठ पास 

🌲लगा आसन 

🌲ना हो आतुर

🌲देख प्रत्येक चक्षु 

🏵ध्यान से 

🏵कर स्नान 

🏵प्रकाश से 

🏵कर पिपासा 

🍀शांत पी 

🍀प्रकाश 

🍀खेल जा 

🍀अपने उल्लास से


🌞छोटा सा प्रकाश पुंज 🌞

🌞भरा है कोटि शक्ति से  🌞

🌞 वल्गा थामे सप्त रंग की 🌞 

🌞निकला अनवरत ज्योति से🌞



 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में