शनिवार, 6 फ़रवरी 2021

जयचंद

⚔ बने कुछ लोग जयचंद फिर से 

🗡 जागो पृथ्वीराज तुम 

🏹 दे बलिदान छोड़ गए पहले 

⚔ बेसहारा माँ को तुम 

🗡 करो इस बार नष्ट ना करो 

🏹 गलती दोबारा तुम 

⚔ उठ गए जो दोबारा कुचल 

🗡 डालो फनों को तुम 

🏹 बाकी रह गया था जो हिसाब 

⚔ कर दो अब पूरा तुम

🗡 मिला मौका फिर से चुका दो 

🏹 माँ का कर्ज तुम


🐅 उठ सिंह करवट ले 

🐅 अब दिन है चेतना के 

🐅 आ गए फिर विदेशी 

🐅 गद्दारों की आड़ ले 

🐅 हो दफन सनातनी संस्कृति 

🐅 पनपे उस पर विदेशी जड़े 

🐅 कर श्रृंगार युद्ध भूमि का 

📯 रणभेरी का उद्घोष ले


🙏 कंस बने कई मारो मोहन  

🙏 विष नागों का हर लो मोहन

🙏 एक पूतना आई है फिर से

🙏 लाई वो भी जहर साथ में

🙏 करो उद्धार उसका भी मोहन

🙏 उठे शिशुपाल दंभ जो सारे

🙏 बने दुर्योधन मिलकर सारे 

🙏 तुम मोहन सुदर्शन चलाओ 

🙏 और अर्जुन को सामने लाओ



🤷‍♂️ क्यों हो रहा है चक्का जाम 🤷‍♀️
🤷‍♀️ इनकी हिम्मत क्यों बढ़ आई🤷‍♂️ 
🙈 क्या भारत सो रहा है 🙈
🙈 दिल्ली अभी भी है सुस्ताई 🙈
🤦‍♂️ कब लगेगी कोई धारा इनपे 🤦‍♀️
🤦‍♀️ कब होगी सर्जिकल स्ट्राइक 🤦‍♂️ 
🤷‍♂️ करो इनका अब लॉक डाउन 🤷‍♀️
🤷‍♀️ नोट बंदी की बारी आई 🤷‍♂️
🙏 धन् धन् हैं मोदी हमारे 🙏
🙏 अब उनसे ही आस लगाई🙏

#चक्का_जाम_नहीं_होगा
#मोदी_हमारा_गर्व_है
#अराजकता_बंद_करो 
#आन्दोलन_खत्म_करो





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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में