रविवार, 21 फ़रवरी 2021

द्रोपदी


 🦚 क्यूँ हम राह तकते है

🦚 बोले कोई भीष्म,द्रोण हमारे लिए

🦚 क्यूँ हम मुहँ देखते हैं

🦚 करे न्याय धृतराष्ट्र हमारे लिए

🦚क्यूँ हम निहारतें हैं

🦚 पूरी राज सभा हो खङी हमारे लिए

🦚 क्यूँ नहीं बनते निडर हम स्वयं के लिए 

🦚 क्यूँ नहीं बनते विदुर हम स्वयं के लिए

🦚 जब हो रहा अन्याय स्वयं पर 

🦚 तो क्यूँ नहीं बनते द्रोपदी स्वयं के लिए

@veena_mawar #kooapp

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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में