मैं थी तुम थे
था प्रेम संग में
तुम हो मैं हूँ
बस प्रश्न संग में
परवाह थी राह देखते थे
बस एक दूजे की
नफरत है अब
दंभ डोर एक दूजे की
मनुहार थी मिटना था
बस एक दूसरे पर
दर्द है दूर्भाव है अब
आक्रोश है एक दूजे पर
तुम थे मैं थी
मुस्कुराहटे थी संग में
मैं हूँ तुम हो
अब अश्रु सागर संग में
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