गुरुवार, 23 जून 2022

शौर्य

मैं गई ठहर तेरी किर्ती पर 

हुई स्तब्ध रही दंग देख तेरा शौर्य 

किया नमन तेरे हौसले को 

भरूँ तेज स्वंय में देख तेरी मूरत को


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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में