Veena Mawar Author
बयाँ गर हो गया शब्दो से
तो,आँखे बोलेगी क्या भावों से
मेरी पीपासा
पा कर शीतलता
हुई तृप्त
संग शीतल
हुआ अन्तर्मन
पा कर स्नेह
की आतुरता
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