शनिवार, 11 दिसंबर 2021

हरा मन

हरे खेत की हरी चुनरनिया हरी प्रीत लहराए  

हरी धरा की हरियाली हमको हरा कर जाए   


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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में