सोमवार, 29 नवंबर 2021

चाहत

आ के एक बार फिर मोहब्बत जवाँ कर ले 

गिरके एक दूजे की चाहत में मोहब्बत में संभल ले  


गुलाल तेरी प्रीत का 

शगुन मेरी जीत का 



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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में