शनिवार, 23 जनवरी 2021

नीम

यह नीम बहुत कड़वा है 
जरा तुम तोड़ दो 
बहुत घना है बियाबान 
तुम्हारी यादों का 
जरा पार करवा दो 



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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में