गुरुवार, 7 जनवरी 2021

मेघदूत

 🌹 हे घन मेघदूत 

🌹 कालीदास के 

🌹 सुनो पुकार 

🌹 द्रवित हृदय 

🌹 लगाए गुहार 

🌹 नहीं बरसों अभी 

🌹 धरा पर है सकुचाई

🌹 नहीं आगमन 

🌹 सदैव तुम्हारा 

🌹 होता फलदायी

🌹 शीत बढा है अभी 

🌹 धरा पर लौट जाओ

🌹 आना जब आए 

🌹 श्रावण मास 

🌹 मत सताओ

🌹 गाएगें तब मिल के 

🌹 राग मल्लार 

🌹 अभी तुम लौट जाओ


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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में