बहुत मुश्किल है अकेले उड़ना
कभी तैरने में इतने निपुण हुए ही नहीं
कि गहराई में गोता लगा सके
जब भी तेरे बस ऊपर ही उपर
तैरते रहे
साथ रही मेरे हमेशा परछाई की तरह
मिल नही पाई कभी परछाई की तरह
बनी मुझसे ही थी तू परछाई की तरह
रही मुझसे दूर भी तू परछाई की तरह
रही मुझसे दोगुनी तू परछाई की तरह
तुझ में था मैं और तू परछाई की तरह
Veri nice
जवाब देंहटाएंशानदार जी
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