शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

ख्वाहिश

जिम्मेदारियों के आकाश में 

ख्वाहिशें उड़ गई सलीके से 

फरमाइशे आकर अपनो की 

सज गई हसरतों में करीने से




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में