मंगलवार, 5 जनवरी 2021

परवाना

लाख कमियां है मुझ में 

एक खूबी तुझे चाहने की है 

बचना है लाख कमियों से तुझे 

या तमन्ना एक खूबी पे मरने की है 

जल जाऊं तेरे ही ईर्द-गिर्द 

यह हसरत इस परवाने की है 

बता शमा जलना है रोशनी के लिए 

या नियत मेरे साथ बुझने की है



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