सोना काम आएगा ना सोना
एक से उड़ जाएगी नींदे
दूजे से सब पड़ जायेगा खोना
सुना बुजुर्गों से यही है हमने
जो जागेगा वह पाएगा
एक रूप है रानी लक्ष्मी का
दूजा रूप है सपनों की रानी का
एक स्वभाव की है चंचला
क्यों ना हो नरोत्तम वर उसका
दूजी का स्वभाव है
आलस फैलाने का
एक मिले जिसे खिल जाता वो है
दूजी मिले तो खो जाता वो है
दोनों से दूर रहना तो है बेहतर
पर ना मिले दोनों तो जीवन है बद्तर
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