शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

लोह पुरूष पटेल

 नवभारत के नव प्रभाकर 

नहीं संभव है तेरा वर्णन 

तूने भारत का एकत्रण किया 

कैसे दिखाऊं तुझे मैं दिया 

राजा हो वो बांसवाड़ा का 

चाहे हो वोजोधपुर का 

प्रजा हो वो जूनागढ़ की 

या फिर बारी हो निजाम की 

कौन है जो तुझसे ना थर्राया

काटी तूने सबकी काट 

लोह पुरुष तब तू बन पाया 

सोमनाथ का उद्धार करवाया 

लहूलुहान भारत को बचाया 

ना होता तू अगर तो 

बनते जाने फिर कितने पाकिस्तान 

एक बना नेक बना फिर बना हिन्दुस्तान

जितनी ऊंची शख्सियत तुम्हारी 

बनी उतनी प्रतिमा तुम्हारी 🙏🧎‍♂️🧎‍♀️


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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में