माना दिल टूटने की आवाज नहीं होती
तो क्या उसमें तबाही नहीं होती 💔
नहीं जरूरी शोर हो तबाही का हमेशा
क्या यह ताकत खामोशी में नहीं होती
सुनाई होगी शोर की तबाही तो सब ने बहुत
खामोश तबाही के जुबान नहीं होती
सुने होंगे शोर तबाही के मंजर के बहुत
खामोश तबाही तो बया निगाहों से होती 👁
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