रविवार, 9 मई 2021

मातृदिवस

माँ प्रतिमा परित्याग की 

मूरत ममत्त्व की 

माला मूल्यों की 

नीति नैतिकता की

करुणालय भावों का 

हिमालय शीत का 

सागर समर्पण का

गगन गहनता का

सहनशीलता का दुर्गम पथ 

कर्म शीलता का अजय रथ

चरण वंदनीय 

कर्म अनुकरणीय 

संबल स्नेह का 

कवच रक्षा का 

समाधान जटिलताओं का 

सखा दुर्गम राहों का 

प्राण भीतर के

क्षण श्वांस के 

आंचल सुख का 

तारा नयन का 

मोती आस का 

धागा आशीष का 

प्रतिउत्तर हार का 

उत्सव जीत का



3 टिप्‍पणियां:

दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में