गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

कृष्ण के पद

 🪕कान्हा मैं तो जोगन हो जाऊंगी 

     राधा बन ना मिल सकी जो तुझसे 

🪕मीराँ बन लीन हो जाऊंगी 

🙏चाकरी नहीं स्वीकार की मेरी तो🙏

     बन करमा खीचड़ खिलाऊंगी 

     जो नहीं रीझे नटवर तुम तो 

   बन नरसीं ढीठ हो जाऊंगी 

     जब तुम आओगे सालग मेरे 

🌿तुलसी बन मैं खिल जाऊंगी🌿




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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में