तेरा तसव्वुर जहन से मेरे जाता है नहीं
बंद पलक से दीदार तेरा हटता है नहीं 💜
खोलती नहीं इस डर से निगाहों को
खुली पलक में तु ठहर पाता है नहीं 💙
होने लगी हूं काफिर कैसे करूं इबादत
तेरा मरमरी ख्याल आंखों से जाता नहीं 💚
माना एक ख्वाब है तू इन आंखों का
पर इनका होने से मुकर तु भी पाता है नहीं 💛
समझा दे मुझे तु ही चला जो ये है सिलसिला
के समझ में मेरे तो कुछ आता है नहीं 🤦♀️🤷♀️
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