मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

आतंकी साज़िश

 मुंबई  में  फिर  होगी  एक आतंकी  साज़िश  

फिर  निकाली जाएगी एक ताज पर रंजिश 

फिर  उङाया जाएगा मेट्रो को 

फिर मरना होगा बेकसूरों को 

कब तक चलेगा  ये सिलसिला 

खत्म कब होगा ये ज़लजला  

कब मिटेगी ये आतंकी  रंजिश

होगी कब इनके साथ प्रकृति  की साजिश  

के टूटेगा  कब गुमान  इनका  

करेगी कब प्रकृति  हिसाब  इनका😔😥😞😥😔😥



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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में