रविवार, 25 अक्तूबर 2020

पद निशब्द

 निशब्द संकल्प 

करें कायाकल्प विचारों की दृढता का 

निशब्द बंधन 

करे तटबंधन 

स्वयं से स्वयं का 

निशब्द वाणी 

चले जिस पर प्राणी  

ब्रह्म ज्ञान अंतर्मन का 

निशब्द माधुर्य  

है वो सौन्दर्य 

सामीप्य करे जो ईश्वर का 🦋🌷



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दर्द भरी यादें

यादों का भी होता है पुनर्जन्म,  तर्पण कर देने के बाद भी होती है पुनरावर्तित स्मृति में जाती है जन, पुन:पुन:  हृदय के गर्भ  में