Veena Mawar Author
मैं सरल
मैं सहज
निभाऊँ प्रीत
जानू ना रीत
तेरे जग की
मैं भोली
अलबेली
मनमौजी
हूँ अपने ही
ढंग की
मैं सलोनी
हूँ साँवली
पर हूँ
सच्ची अपने
मन की
विश्व_आदिवासी_दिवस